सूरज बच्चों के मन को भाते l
तम - अन्धेरा हरदम मिटाते ll
तम - अन्धेरा हरदम मिटाते ll
सूरज जग उजियारे फैलाते l
पक्षी गीत -गान गुन गुनाते ll
पक्षी गीत -गान गुन गुनाते ll
सूरज सुबह सुबह आ जाते l
अपना रोजना काम निभाते ll
अपना रोजना काम निभाते ll
पाप भ्रम तम हर ओर मिटाते l
तम अंधकार की चादर हटातेll
तम अंधकार की चादर हटातेll
रवि और समीर का मेल बढाते l
विवेक ज्योति की दीप जलाते ll
विवेक ज्योति की दीप जलाते ll
- विवेक वर्मा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें