सबसे प्रथम गुरू होती है माता
जग मे सबसे बड़ा माँ से नाता l
जग मे सबसे बड़ा माँ से नाता l
माता होती है भगवान स्वरूप
जैसे शरद ऋतु मे प्यारी धूप l
जैसे शरद ऋतु मे प्यारी धूप l
माँ ने हमे इस दुनिया मे लाई
हाथ पकड़ के दुनिया दिखाई l
हाथ पकड़ के दुनिया दिखाई l
जब कभी चोट मुझे लग जाये
माँ की आँख पहले ही भर आये l
माँ की आँख पहले ही भर आये l
मुँह का एक एक निवाला दे देती
मुझे खिला खुद भूखी रह लेती l
मुझे खिला खुद भूखी रह लेती l
मेरे हर एक शौक करती पूरे
रह गये उसके शौक अधूरे l
रह गये उसके शौक अधूरे l
ज्यादा होता रिश्ता नौ महीने का
आधार होती है माँ जीवन पाने का
आधार होती है माँ जीवन पाने का
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